मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बाबत शिवराज सिंह चौहान की सरकार एक्शन मोड में दिखाई पड़ रही है। इस बाबत मध्य प्रदेश कैबिनेट की बैठक का आयोजन सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुलाई गई। इस कैबिनेट मीटिंग में फैसला लिया गया है कि मध्य प्रदेश के सारे शराब अहाते और शॉप बार बंद होंगे जहां बैठकर पीने की व्यवस्था है। साथ ही शराब की दुकानों से शराब खरीद तो सकेंगे लेकिन दुकान पर बैठकर शराब पीने की मनाही रहेगी। इस बाबत मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राज्य में 2010 के बाद से कोई भी नई शराब की दुकान नहीं खुली है। मदिरा दुकानों पर केवल मदिरा की बिक्री की जाएगी।
शराब के लिए कड़े कानून
नरोत्तम मिश्रा ने नई शराब की आबकारी नीति को लेकर कहा कि राज्य सरकार द्वारा शराब को हतोत्साहित करने को लेकर यह नीति बनाई गई है। नए नियम के तहत शराब की दुकानों से लोग शराब तो खरीद सकेंगे लेकिन वहां बैठकर पीने की व्यवस्था पूरे राज्य में कहीं नहीं होगी। साथ ही गर्ल्स हॉस्टल एवं सभी प्रकार के शैक्षणिक संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में शराब की दुकान नहीं खोली जाएगी। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि शराब पीकर वाहन चलाने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस को भी रद्द करने को लेकर नियम व प्रावधान कड़े किए जाएंगे।
किसानों को मिलेगा मुआवजा
नरोत्तम मिश्रा ने आगे किसानों के मुद्दे पर कहा कि कांग्रेस के समय में ऊंट के मुंह में जीरा के तौर पर किसानों को राहत दी जाती थी। उन्होंने बताया कि अगर कहीं भूस्खलन या बाढ़ आ जाता है तो अब किसानों को राहत के तौर पर अब 47000 रुपये मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा। वहीं मवेशी व दुधारू जानवरों जैसे गाय, भैंस, ऊंट के इन आपदाओं में मारे जाने पर किसानों को 37,500 रुपये मुआवजा दिया जाएगा। भेड़ बकरी की हानी में अब 4 हजार का मुआवजा मिलेगा। गैर दुधारू पशु जैसे घोड़ा, बैल, भैसा, ऊंट इत्यादि के नुकसान पर अब 32 हजार मुआवजा मिलेगा।
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