Train Route in India: भारतीय रेलवे नेटवर्क के मामले में दुनिया में चौथे स्थान पर है। भारत में लगभग 2.50 करोड़ लोग हैं जो ट्रेन से सफर करते हैं। भारत में देश के एक कोने से दूसरे कोने तक लंबी रेल यात्रा के साथ-साथ छोटी यात्राएं भी होती हैं, जिनमें मुश्किल से ही समय लगता है।आज हम आपको भारत में ट्रेनों द्वारा तय की जाने वाली सबसे छोटी और सबसे लंबी दूरी के बारे में बताने जा रहे हैं। हम यहां लोकल ट्रेनों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे नियमित स्टॉप के साथ बहुत कम दूरी तय करती हैं। तो चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
सबसे छोटे रूट की ट्रेन के बारे में जानिए-
सबसे पहले आपको देश के सबसे छोटे रूट के ट्रेन के बारे में बताते हैं। ये ट्रेन मात्र 3 किमी का सफर तेय करती है। नागपुर से अजनी के बीच की दूरी सिर्फ 3 किमी है। महाराष्ट्र में, कुछ ट्रेनें नागपुर और अजनी के बीच 3 किमी की दूरी तय करती हैं। ट्रैवल पोर्टल इक्सिगो के मुताबिक, नागपुर से अजनी के बीच का सफर तय करने में केवल 9 मिनट लगते हैं।
इतना है इस ट्रेन में सफर करने का फेयर-
इस यात्रा के लिए लोगों को जेनरल क्लास के लिए 60 रुपये और स्लीपर क्लास के लिए 175 रुपये किराया देना होगा। हालांकि, 9 मिनट की यात्रा के लिए स्लीपर क्लास बुक करना बहुत कम मायने रखता है और इसलिए अधिकांश लोग जनरल क्लास से यात्रा करते हैं।
अब जानते हैं देश के सबसे लंबे ट्रेन रूट के बारे में-
देश की सबसे लंबी रूट वाली ट्रेन का नाम विवेक एक्सप्रेस है। इस ट्रेन की घोषणा स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के मौके पर की गई थी। यह असम में डिब्रूगढ़ से तमिलनाडु में कन्याकुमारी तक चलती है। यह भारत की सबसे लंबी दूरी की ट्रेन है।
डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी के बीच विवेक एक्सप्रेस कुल ट्रेन करीब 4300 किमी की लंबी दूरी तय करती है। इस सफर को पूरा करने में 80 घंटे से ज्यादा का समय लगता है। इस सफर के दौरान यह ट्रेन 57 स्टेशनों पर रुकती है और कुल 9 राज्यों से होकर गुजरती है। यह मार्ग न केवल भारत में बल्कि पूरे उपमहाद्वीप में सबसे लंबा है। यह दुनिया में 24वां सबसे बड़ा ट्रेन रूट भी है।
इतना है इस ट्रेन में सफर करने का फेयर-
अगर आप डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक का सफर करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 3rd AC के लिए लगभग 3 हजार, सेकंड AC के लिए लगभग 5 हजार और स्लिपर के लिए लगभग 1200 रुपये लगेंगे।