छतरपुर (मध्य प्रदेश): बागेश्वर धाम सरकार एक बार फिर चर्चा में है। इसके पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार एक बार फिर सजा है जिसमें आज बागेश्वर बाबा ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की प्रतिज्ञा ली है। हिंदू राष्ट्र के लिए मध्य प्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर सरकार ने आज से एक यज्ञ शुरू किया है जो 7 दिनों तक चलेगा। यज्ञ में धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने चारों वेदों के सामने हिंदू राष्ट्र बनाने की प्रतिज्ञा ली और हिंदू राष्ट्र का नारा लगाया।
हिंदुत्व के सबसे बड़े शक्ति प्रदर्शन का आगाज
इस बीच बागेश्वर धाम में हिंदुत्व के सबसे बड़े शक्ति प्रदर्शन का आगाज हो गया है। इस वक्त हजारों की तादाद में भक्त बागेश्वर धाम में मौजूद हैं। 19 फरवरी तक छतरपुर के गढ़ा गांव में संतों का बहुत बड़ा मेला लगेगा। एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी बागेश्वर धाम दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे। वहीं खबरें ये भी हैं कि मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान 18 फरवरी को बागेश्वर धाम के दर्शन करने के लिए जा सकते हैं। देश के कोने-कोने से संत बाबा बागेश्वर के मंच पर नजर आएंगे और इसी मंच से हिंदू राष्ट्र के संकल्प का आगाज होने वाला है।
सभी पाना चाहते हैं बागेश्वर धाम का सानिध्य
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ आज बागेश्वर धाम के दर्शन करने पहुंचे थे। इसके बाद खबर आई कि वर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान भी 18 फरवरी को बागेश्वर धाम के दर्शन करने के लिए पहुंच सकते हैं। इससे पहले मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने बागेश्वर धाम के महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपने बेटे जैसा माना था। उन्होंने कहा था कि धीरेंद्र शास्त्री एक तपस्वी और अलौकिक हैं।
बता दें कि बागेश्वर धाम में 13 से 19 फरवरी तक धर्म महाकुंभ लग रहा है। जिस वजह से यहां भक्तों की लाखों की भीड़ जुट रही है। 18 फरवरी को यहां 121 बेटियों की शादी भी करवाई जानी है।
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बड़े-बड़े नेता बागेश्वर की महिमा के आगे नतमस्तक
ऐसा नहीं है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और बागेश्वर धाम पर श्रद्धा रखने वाले लोग केवल सत्ताधारी पार्टी में ही हैं। उन पर आस्था रखने वालों में विपक्षी पार्टियों के भी कई नेता हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस समेत नेताओं की ये लिस्ट काफी लंबी है। हर दिन कोई नया नेता बाबा के समर्थन में खड़ा दिखाई देता है। हालांकि बाबा की आलोचना करने वाले नेताओं की भी कमी नहीं है।