आस्था पर उम्र कभी भारी नहीं होती। इस बात का जीता जागता उदाहरण हैं मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के संत सियाराम बाबा। उम्र है पूरे 100 साल, लेकिन आज भी वे इस उम्र में बिना चश्मा लगाए रोजाना 21 घंटे रामायण का पाठ करते हैं। खास बात यह है कि वे बिना चश्मा लगाए हर अक्षर को आसानी से पढ़ लेते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रामभक्ति की ऐसी धुन देखकर हर कोई आश्चर्यचकित है। रामजी के इस परमभक्त को देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं और उनके दर्शन करके खुद को सौभाग्यशाली समझते हैं।
कड़ाके की ठंड हो या भीषण गर्मी, तन पर सिर्फ लंगोट करते हैं धारण
संत बाबा के तन पर कपड़े के नाम पर केवल एक लंगोट होती है। कड़ाके की ठंड हो, या बरसात हो, या फिर भीषण गर्मी, बाबा लंगोट के अलावा कुछ धारण नहीं करते।
68 साल पहले इस गांव में आकर बसे थे बाबा
श्रद्धालु बताते हैं कि 1955 में बाबा इस गांव में आए थे। उनके सरल और दयालु प्रवृत्ति के चलते ग्रामीणों ने उनके लिए एक छोटा सा कमरा बनाया। तभी से वे नर्मदा किनारे अपने उसी आश्रम में रहते हैं। साधारण से कमरे में निवास करने वाले संत सियाराम बाबा के दर्शन के लिए मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से भी श्रद्धालु आते हैं।