नई दिल्ली: भारत में 1877 के बाद से इस साल फरवरी का महीना सबसे गर्म रहा और औसत अधिकतम तापमान 29.54 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रहने की उम्मीद है, जबकि दक्षिणी प्रायद्वीप और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों के कठोर मौसम की स्थिति से बचने की संभावना है।
आईएमडी के हाइड्रोमेट और एग्रोमेट एडवाइजरी सर्विसेज के प्रमुख एस सी भान ने एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मार्च में लू की संभावना कम है, लेकिन देश के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल और मई में चरम मौसम स्थिति का अनुभव हो सकता है। उन्होंने इस घटनाक्रम को ग्लोबल वार्मिंग से जोड़ते हुए एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा कि 1877 के बाद से इस साल फरवरी में मासिक औसत अधिकतम तापमान सबसे अधिक रहा। यह पूछे जाने पर कि क्या उच्च तापमान जलवायु परिवर्तन का संकेत है, भान ने कहा, “पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग के दौर में है। हम गर्म होती दुनिया में रह रहे हैं।”
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया परामर्श
वहीं देश के कुछ स्थानों पर तापमान में असामान्य बढ़ोतरी के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को एक परामर्श जारी किया जिसमें संभावित लू के खिलाफ सुरक्षा को लेकर ‘क्या करें और क्या ना करें’ की सूची दी गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से वर्ष 2023 के लिए पहली गर्मी की चेतावनी जारी करने के बाद यह सूची जारी की गई। गर्मी से संबंधित बीमारियों से मुकाबले के लिए बनी राष्ट्रीय कार्ययोजना के तहत मंत्रालय ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे प्रचंड गर्मी के दौरान अधिक प्रोटीन वाला भोजन लेने और पकाने से बचें। इसके अलावा लोगों से तेज धूप खासकर दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच में बाहर नहीं जाने के लिए कहा गया है।
बचाव के लिए पिएं ज्यादा से ज्यादा पानी
परामर्श में मंत्रालय ने लोगों से यथा संभव पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के लिए कहा है, भले ही उन्हें प्यास नहीं लगी हो। लोगों को ओरल रीहाइड्रेशन सल्यूशंस (ओआरएस), घर में निर्मित पेय पदार्थ जैसे कि नींबू-पानी, दही, छाछ, लस्सी, नमक के साथ फलों के जूस का उपयोग करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा घर में हवादार और ठंडे स्थान पर रहने की सलाह दी गई है। इसमें लोगों को सलाह दी गई है कि ताजे फलों जैसे कि तरबूज, ककड़ी, नींबू, संतरा का सेवन करें और हलके रंग के पतले-ढीले सूत्री वस्त्र पहनें।
बेहद जरूरी होने पर ही घर से निकलें
परामर्श में बाहर नंगे पैर नहीं निकलने तथा खुली धूप में जाते समय छाता, टोपी, तौलिया या किसी अन्य पारंपरिक चीज से सिर को ढंकने की सलाह दी गई है। लोगों से कहा गया है कि वे ‘गर्मी जनित तनाव’ (हीट स्ट्रेस) के लक्षणों पर नजर रखें जिसके अंतर्गत चक्कर आना या बेहोशी, मतली या उल्टी, सिरदर्द, अत्यधिक प्यास, असामान्य रूप से गहरे पीले रंग का मूत्र, पेशाब में कमी और सांस की गति तथा दिल की धड़कन बढ़ना शमिल है। इसमें बच्चों और पालतू जानवरों को खड़े वाहन में नहीं छोड़ने की सलाह दी गई है, क्योंकि वाहन के अंदर का तापमान खतरनाक साबित हो सकता है।