केंद्रीय चुनाव आयोग के फैसले के बाद एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना के प्रतीक तीर धनुष को दे दिया गया है। शिवसेना का नाम और शिवसेना पार्टी का प्रतीक चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया गया। इसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि शिवसेना से संबंदित सभी दफ्तरों और कार्यालयों पर एकनाथ शिंदे गुट अपना दावा करेगा। चुनाव आयोग के फैसले के बाद एकनाथ शिंदे द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए शिवसेना पार्टी को संभालने का काम शुरू कर दिया गया है। लेकिन अब चर्चा यह हो रही है कि कि शिवसेना की मुंबई शाखा और शिवसेना के बैंक खातों पर अब एकनाथ शिंदे दावा करने वाले हैं। जबकि इसपर पहले से ही उद्धव ठाकरे का कंट्रोल है।
क्या उद्धव की अन्य संपत्ति पर करेंगे दावा?
इस चर्चा को लेकर एकनाथ शिंदे ने कहा है कि हम उद्धव ठाकरे गुट के धन या किसी अन्य संपत्ति पर दावा नहीं करेंगे। हमारे लिए बालासाहेब ठाकरे के विचार महत्वपूर्ण हैं। मैं देने वालों में से हूं, लेने वालों में से नहीं। शिंदे ने अपने बयान में आगे कहा कि गिरवी रखी गई शिवसेना पार्टी के नाम और शिवसेना के प्रतीक चिन्ह को हमने छुड़ाया है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि भविष्य में हम ठाकरे गुट को अपने काम के जरिए जवाब देने वाले हैं। राज्य में 2024 में मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा इस सवाल के जवाब में एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह जनता तय करेगी कि आगामी विधानसभा चुनाव के बाद कौन मुख्यमंत्री होगा।
कौन होगा अगला मुख्यमंत्री
बता दें कि चुनाव आयोग के फैसले के बाद ठाकरे गुट ने शिंदे गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और प्रतीक चिन्ह दिए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनाव आयोग के फैसले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने से इनकार कर दिया गया था। तब तक के लिए स्थिति यथावत रखने को लेकर निर्देश जारी किया गया था। बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों की अयोग्यता मामला अब भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित पड़ा है।
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