भारत के खिलाफ मौजूदा बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलियाई टीम खराब फॉर्म से जूझ रही है। नागपुर और दिल्ली टेस्ट में टीम दोनों बार तीन दिन के अंदर ही मुकाबला हार गई। इसको लेकर अन्य देशों के क्रिकेट एक्सपर्ट या पूर्व क्रिकेटर जहां ऑस्ट्रेलियाई टीम की आलोचना कर रहे हैं। वहीं उनके खुद के देश के पूर्व क्रिकेटर भी उनको बख्श नहीं रहे। इयान हीली ने जहां पैट कमिंस की कप्तानी छीनने तक की बात बोल दी है। वहीं टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ग्रेग चैपल ने अब कंगारू टीम को लेकर बड़ा बयान दिया है।
ग्रेग चैपल ने वर्ल्ड क्लास बॉक्सर माइक टायसन का हवाला देते हुए भारत के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों में अपनी टीम के निराशाजनक प्रदर्शन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि, टीम ने पहली गेंद पड़ने से काफी पहले ही अपने मुंह पर घूंसा जड़ दिया था। ऑस्ट्रेलियाई टीम चार टेस्ट मैच के पहले दोनों मैच हारकर पहले ही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवा चुकी है। चैपल ने इसको लेकर कहा कि, वह माइक टायसन थे जिन्होंने इवांडर होलीफील्ड के खिलाफ मुकाबले से पहले कहा था, हर किसी के पास तब तक की योजना होती है जब तक कि उसके मुंह पर घूंसा न पड़ जाए। उन्होंने सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में लिखा कि, पहले दो टेस्ट मैच देखने के बाद मेरी चिंता यह है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहली गेंद पड़ने से काफी पहले ही अपने मुंह पर घूंसा जड़ दिया था।
ऑस्ट्रेलियाई टीम
ऑस्ट्रेलियाई टीम से हुई बड़ी गलती
चैपल ने भारत के मौजूदा दौरे के लिए ऑस्ट्रेलिया की तैयारियों और योजनाओं पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, रणनीति तैयार करना एक बात है लेकिन उसे त्रुटिपूर्ण आधार पर तैयार करना बेकार की कवायद है। नागपुर में पहला टेस्ट मैच पारी और 132 रन से हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने दिल्ली में सिर्फ एक तेज गेंदबाज कप्तान पैट कमिंस के साथ उतरने का फैसला किया। स्कॉट बोलैंड को बाहर कर दिया गया और बाएं हाथ के स्पिनर मैथ्यू कुह्नमैन को डेब्यू मैच मिला। इसको लेकर चैपल बोले कि, ऑस्ट्रेलिया को इस सीरीज को जीतने के लिए अपने मजबूत पक्षों के साथ खेलने की जरूरत थी। स्पिन गेंदबाजी हमारी ताकत नहीं है। इसके लिए टीम में स्पिनरों को चुनना भारत में सफलता हासिल करने का तरीका नहीं है। हमें अपने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों को चुनना चाहिए था और उन पर भरोसा करना चाहिए था तथा बल्लेबाजों को अच्छा प्रदर्शन करके उनका समर्थन करना चाहिए था।
अब टीम इंडिया इस सीरीज के दोनों मैच जीत चुकी है लेकिन इंदौर में 1 मार्च से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट में भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी। भारतीय टीम को अभी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए एक मैच जीतना और जरूरी है। ऐसे में इंदौर में जीत के साथ टीम इंडिया अपनी जगह पक्की करना चाहेगी। उधर ऑस्ट्रेलियाई टीम पिछली तीन बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी हार चुकी है और इस बार भी टीम इंडिया ने अजेय बढ़त बना ली है। तो ट्रॉफी को भारतीय टीम ने रिटेन कर लिया है। यहां से कम से कम कंगारू टीम के पास आखिरी दो मैच जीतकर सीरीज ड्रॉ करवाने का मौका है जो मौजूदा हालात देखते हुए बेहद मुश्किल लग रहा है। ऐसे में सम्मान बचाने के लिए कंगारू टीम की नजरें होंगी बाकी दो में से कम से कम एक मैच तो जीत ही लिया जाए।