निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को ‘शिवसेना’ नाम और पार्टी का चुनाव निशान ‘तीर-कमान’ आवंटित कर दिया था। आयोग के इस फैसले को शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि आयोग का यह फैसला उद्धव के सियासी करियर के ताबूत में आखिरी कील साबित हो सकता है। ऐसे में इंडिया टीवी ने इस मसले पर जनता की राय जानने के लिए एक ट्विटर पोल किया, जिसके नतीजे चौंकाने वाले रहे।
क्या खत्म हो जाएगा उद्धव का राजनीतिक करियर?
अपने ट्विटर पोल में इंडिया टीवी ने पूछा था कि ‘क्या शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान मिलने के बाद क्या उद्धव ठाकरे का राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा?’ पोल के नतीजे चौंकाने वाले रहे और वोट करने वाले 68.6 फीसदी लोगों ने कहा कि चुनाव आयोग का यह फैसला उद्धव के राजनीतिक करियर का खात्मा करने के लिए काफी है। वहीं, 26 फीसदी लोगों का मानना था कि उद्धव सियासत में अभी भी सर्वाइव कर सकते हैं। वोट करने वालों में 5.6 फीसदी लोग ऐसे भी रहे जो किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे।
ट्विटर पोल के नतीजे।
‘शिंदे के पास ज्यादा MPs और MLAs का समर्थन’
3 सदस्यीय आयोग ने अपने आदेश में कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे को 55 में से 40 विधायकों और 18 में से 13 लोकसभा सदस्यों का समर्थन हासिल था। आदेश में आयोग ने ठाकरे गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम और ‘मशाल’ चुनाव चिह्न को बनाए रखने की इजाजत दी, जो उसे राज्य में विधानसभा उपचुनावों के समाप्त होने तक एक अंतरिम आदेश में दिया गया था। इसी के साथ 1966 में बाल ठाकरे द्वारा शिवसेना की स्थापना के बाद पहली बार ठाकरे परिवार ने पार्टी का नियंत्रण खो दिया।