अपने भविष्य की योजनाओं और लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लोग तरह-तरह की स्कीम में पैसा निवेश करते हैं। इसमें उन्हें बैंक एफडी या किसी भी दूसरे प्लेटफॉर्म से ज्यादा अच्छा रिटर्न्स मिलता है। SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। पिछले कुछ सालों में कुछ लोकप्रिय SIP ने लोगों को 12 से 14 प्रतिशत तक भी रिटर्न्स दिए हैं। हालांकि SIP में निवेश जोखिमभरा भी हो सकता है। इसलिए यहां निवेश करने से पहले कुछ जरूरी बातें जरूर नोट कर लें।
लक्ष्यों को ध्यान में रखें
कोई इंसान अपने लक्ष्यों को पाने के लिए SIP में निवेश करता है। मसलन आपको घर खरीदना है। गाड़ी खरीदनी है। बच्चों की शादी करनी है या उन्हें पढ़ने के लिए विदेश भेजना है। SIP में निवेश के वक्त अपने लक्ष्य को हमेशा ध्यान में रखें। म्यूचुअल फंड का मुख्य उद्देश्य ही योजनावद्ध तरीकों से लक्ष्यों को प्राप्त करना है। अगर असुरक्षित महसूस होने के बावजूद आप यहां पैसा निवेश करना जारी रखते हैं तो इससे बड़ा नुकसान भी हो सकता है।
कब निकालें पैसा बाहर?
म्यूचुअल फंड में निवेश करने से भी ज्यादा जरूरी है कि आप कब इससे पैसा बाहर निकालें। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर कोई म्यूचुअल फंड छह महीने या सालभर से ज्यादा खराब प्रदर्शन कर रहा है तो इससे पैसा बाहर निकाल लेना ही समझादारी भरा कदम है। ज्यादा रिटर्न्स के चक्कर में आप अपनी मूल राशि से भी हाथ धो सकते हैं।
कैसे करें फंड का चयन
SIP म्यूचुअल फंड स्कीम कई प्रकार की होती हैं। इसमें इक्विटी फंड, डेट फंड, लिक्विड फंड या मल्टी-कैप जैसै फंड होते हैं। आप अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखकर किसी भी फंड को चुन सकते हैं। अगर आप कहीं घूमने के लिए शॉर्ट टर्म SIP लेना चाहते हैं तो लिक्विड फंड या डेट फंड आपके लिए बेहतर होगा। और अगर आप बच्चों की शादी, रिटायरमेंट प्लानिंग या घर खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आप लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट के लिए इक्विटी म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
बेहतर फंड मैनेजर की खोज
म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले आपको म्यूचुअल फंड में बेहतर रिटर्न्स देने वाले दावेदारों की जांच-परख कर लेनी चाहिए। इसके लिए फंड मैनेजर की हिस्ट्री, एक्सपेंस रेश्यो और फंड मैनेजर की हिस्ट्री के बारे में अच्छी तरह से समझ लें। तभी आप एक बेहतरी SIP का चुनाव कर पाएंगे।