Adani Group case verdict by Supreme Court give order on panel of expert team on Hindenburg Report | अडानी ग्रुप की बढ़ी मुश्किलें, हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गठित की टीम

हिंडनबर्ग रिपोर्ट...- India TV Paisa
Photo:INDIA TV हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले पर SC ने गठित की टीम

Adani Group case: अडानी ग्रुप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब हिंडनबर्ग मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय टीम गठित कर दी है। इस टीम का काम अडानी ग्रुप और हिंडनबर्ग मामले पर रिपोर्ट तैयार करनी है। इसकी मांग हिंडनबर्ग द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद से ही होनी शुरू हो गई थी। बता दें, आज सुप्रीम कोर्ट हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। 24 जनवरी 2023 को जब हिंडनबर्ग ने अडानी के खिलाफ रिपोर्ट जारी की थी, तभी से इसकी शुरुआत हो गई थी। अडानी ग्रुप के ऊपर उसने कई गंभीर आरोप लगाए थे। तब से लेकर अब तक अडानी ग्रुप की संपत्ति में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। अडानी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट से फिसलकर 30वें स्थान पर चले गए हैं।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने गठित की टीम

हिंडनबर्ग रिपोर्ट मसले पर SC ने एक स्पेशल समिति का गठन किया है। इसके लिए रिटायर हो चुके जज जस्टिस अभय मनोहर सप्रे को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। बता दें, SC निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक तंत्र से संबंधित समिति के गठन पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को जांच करने का निर्देश दिया कि क्या सेबी के नियमों की धारा 19 का उल्लंघन हुआ है, क्या स्टॉक की कीमतों में कोई हेरफेर हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को 2 महीने के भीतर जांच करने और स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों की सुरक्षा के लिए नियामक तंत्र से संबंधित मुद्दे से निपटने के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम सप्रे की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया, जिसमें ओ पी भट, जे पी देवदत्त, नंदन नीलेकणि, के वी कामत और सोमशेखरन सुंदरसन शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने कोर्ट को दी थी जानकारी

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि अदालत विशेषज्ञों का चयन करेगी और पूरी पारदर्शिता बनाए रखेगी। अगर अदालत केंद्र सरकार द्वारा सुझाए गए नामों को लेती है, तो यह सरकार द्वारा गठित समिति कहलाएगी और इसकी निष्पक्षता पर संदेह बना रहेगा। केंद्र सरकार ने एक लिखित जवाब में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि अडानी समूह के खिलाफ एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर द्वारा लगाए गए आरोपों की ‘सत्यता’ की जांच की जानी चाहिए और एक बार के उपाय के रूप में एक तथ्य-खोज अभ्यास करने की जरूरत है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी को कहा था कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए गठित की जाने वाली समिति में शामिल करने के लिए केंद्र द्वारा सुझाए गए विशेषज्ञों के नाम मुहरबंद लिफाफे में दिए जाने पर वह स्वीकार नहीं करेगा।

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