पटना: राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ सकती हैं। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने नौकरी के बदले जमीन से जुड़े कथित घोटाले के संबंध में पूर्व रेलवे मंत्री लालू प्रसाद के अलावा उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी सहित 16 लोगों को सोमवार को सम्मन भेजा है। सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दायर चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को समन भेजकर 15 मार्च को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। बता दें कि यह मामला लालू प्रसाद के परिवार को तोहफे में या बेची गयी जमीन के बदले में रेलवे में कथित तौर पर नौकरी दिए जाने से संबंधित है। यह मामला तब का है, जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 के बीच रेलवे मंत्री थे।
दिल्ली राऊज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने नौकरी के बदले जमीन से जुड़े कथित घोटाले के आरोपियों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। न्यायाधीश ने कहा, ‘आरोपपत्र, रिकॉर्ड में उपलब्ध दस्तावेजों और सामग्री की जांच करने पर प्रथम दृष्टया यह दिखता है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, धारा 420, 467, 468 और 471 तथा भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध किया गया। परिणामस्वरूप, इन अपराधों पर संज्ञान लिया गया है और आरोपियों को कोर्ट में पेश होने के लिए समन भेजा गया है।’
इससे दो दिन पहले ही बिहार के चंपारण में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और लालू यादव में जुबानी जंग दिखी थी। शाह ने जब नीतीश पर जंगलराज की गोद में बैठने का आरोप लगाया तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए लालू ने भी कह दिया था कि अब बीजेपी को हराने का वक्त आ गया है।
सीबीआई ने दर्ज की थी चार्जशीट
नौकरी के बदले जमीन लेने के घोटाले को लेकर सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल किया था। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक 2004 से 2009 के बीच ये घोटाला हुआ था, लालू प्रसाद यादव इस दौरान यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में ये भर्ती घोटाला हुआ था। रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए थे। अपनी चार्जशीट में सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत कुल 16 लोगों आरोपी बनाया है। सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर कोर्ट ने समन भेज दिया है…उस चार्जशीट पर जिसमें में सीबीआई ने लालू एंड फैमिली पर बेहद ही गंभीर आरोप लगाए हैं…
‘लैंड फॉर जॉब घोटाला’ क्या है?
आरोप है कि लैंड फॉर जॉब घोटाले में आवेदकों से जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं थीं। सीबीआई ने जांच के दौरान ये पाया कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नौकरी दिलाया था। यह जमीन उस समय के सर्किल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर ली गई थी। सीबीआई के मुताबिक 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद ने उम्मीदवारों से रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी के पदों पर नौकरी दिलाने के बदले अपनी फैमिली के मेंबर्स के नाम पर जमीन ली थी। पटना के रहने वाले कई लोगों ने खुद या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू प्रसाद की फैमिली के मेंबर्स और उनके परिवार के कंट्रोल वाली एक प्राइवेट कंपनी को अपनी जमीन बेची थी।
कैसे हुआ था ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाला?
सीबीआई का कहना है कि जमीन के बदले नौकरी घोटाले को अंजाम देने के लिए बेहद ही शातिराना तरीका अपनाया गया। रेलवे में भर्ती के लिए विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था और पटना के रहने वाले कई लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर के जोनल रेलवे में सब्स्टिटूट के तौर पर नौकरी दे दी गई। सीबीआई के मुताबिक इस मामले में सिर्फ पटना में ही लालू यादव की फैमिली ने 1 लाख 5 हजार 292 वर्ग फुट जमीन हासिल किया था।