नई दिल्लीः ब्रिटेन से भारत आने वालों और भारत से लंदन जाने वाले युवाओं के लिए खुशखबरी है। भारत और ब्रिटेन में बातचीत होने के बाद लंबे समय से रुके वीजा बनाने के कार्य को आज से शुरू कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक आज 28 फरवरी से दोनों देश के युवा आने-जाने के लिए वीजा का आवेदन कर सकते हैं। लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने नयी युवा पेशेवर योजना (वाईपीएस) के तहत आवेदन करने को लेकर ब्रिटेन के युवाओं के लिए वीजा आवेदन प्रक्रिया मंगलवार को शुरू कर दी। इसी तरह नयी दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग ने भारतीय स्नातकों के लिए प्रक्रिया आरंभ की है। दोनों देशों के बीच पिछले साल नवंबर में हुए समझौते के तहत 18 से 30 वर्ष की आयु के भारतीय और ब्रिटिश नागरिक दो साल तक एक-दूसरे के यहां रहने और काम करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
स्नातक की डिग्री के साथ खाते में पर्याप्त धन जरूरी
योजना के तहत वीजा के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को लेकर कुछ निर्धारित मानदंड हैं, जिनमें स्नातक की डिग्री और उनके ठहरने के लिए पर्याप्त धनराशि शामिल है। यानि वही छात्र या युवा आवेदन के पात्र होंगे, जिनके पास कम से कम स्नातक की डिग्री है और जिनके खाते में पर्याप्त धनराशि जमा हो। ताकि विदेश आने व जाने पर किसी तरह की दिक्कत होने पर वह आर्थिक समस्या से निपट सकें। ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने ट्विटर पर योजना की शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘करीब एक महीने पहले घोषित युवा पेशेवर योजना के तहत भारत और ब्रिटेन के युवा एक बार में दो साल तक एक-दूसरे देश में जा सकते हैं।
जानें क्या है शुल्क
भारतीयों के ब्रिटेन आने और ब्रिटिश नागरिकों के भारत जाने के लिए इसे क्रमशः दिल्ली और लंदन में एक साथ शुरू किया गया है। भारतीय उच्चायोग की वेबसाइट पर आवेदकों के विवरण के साथ सूचना को अद्यतन किया गया है और 720 पाउंड का शुल्क रखा गया है। आवेदन वीएफएस ग्लोबल वीजा सेवा प्रदाता के माध्यम से ई-1 वीजा के तहत किया जाना है। प्रत्येक आवेदक को आवेदन जमा करने के समय 30 दिनों की न्यूनतम अवधि के लिए 2,50,000 रुपये के बराबर धनराशि दिखाने की आवश्यकता होगी। भारतीय उच्चायोग की वेबसाइट के मुताबिक सफल आवेदक अपने प्रवास के दौरान निर्धारित क्षेत्र में नौकरियां कर सकते हैं। हालांकि रक्षा, दूरसंचार, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, रणनीतिक आधारभूत संरचनाएं, नागर विमानन, मानवाधिकार, परमाणु ऊर्जा और पर्यावरण संबंधी परियोजनाओं को इसके दायरे से बाहर रखा गया है।
नयी दिल्ली में ब्रिटिश उच्चायोग पारस्परिक योजना के तहत योग्य भारतीयों के लिए पहले चरण में 2400 वीजा उपलब्ध कराएगा। इसके लिए प्रक्रिया मंगलवार दोपहर शुरू हुई और यह दो मार्च तक जारी रहेगी। इस प्रक्रिया में सफल रहने वाले उम्मीदवार आगे के चरण में तय समय सीमा के भीतर वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे। सफल उम्मीदवार को वीजा के लिए आवेदन करने के छह महीने के भीतर ब्रिटेन की यात्रा करनी होगी।
यह भी पढ़ें
गलवान और तवांग में सैनिक संघर्ष के बाद पहली बार चीन के विदेश मंत्री आ रहे भारत, जानें क्या है मकसद?