बाजार में प्याज के भाव गिरने से किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महाराष्ट्र के सोलापुर में एक अजीब मामला सामने आया है। यहां 825 किलोग्राम प्याज बेंचने के लिए बाजार पहुंचे बंडू भांगे नाम के किसान को प्याज बेचने के बाद 0 रुपये का लाभ हुआ है। इस बाबत बिल की एक तस्वीर को भी सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। इस वीडियो में बंडू भांगे का शुद्ध लाभ -1 रुपये लिखा हुआ है। यानी किसान द्वारा प्याज को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए मोटर और प्याज की बोरियों के ढुलाई का कुल भाड़ा 826.46 रुपया रहा। इसका मतलब है कि बाजार में प्याज का भाव 1 रुपये प्रति किलोग्राम है।
500 किलो प्याज के मिले 2.49 रुपये
इससे पहले एक ऐसा ही मामला महाराष्ट्र के सोलापुर में देखने को मिला था। यह मामला बरशी तहसील निवासी 63 वर्षीय किसान राजेंद्र चव्हाण का है। चव्हाण पिछले सप्ताह 5 कुंतल प्यार लेकर सोलापुर बाजार में पहुंचे। इस दिन एक रूपये प्रतिकिलो के भाव से प्याज की कीमत मिली। लेकिन माल ढुलाई, वाहन इत्यादि सब खर्चे निकालने के बाद केवल 2 रुपये का उन्हें फायदा मिला। उन्होंने कहा कि मैंने सोलापुर के एक प्याज व्यापारी को बिक्री के लिए 5 कुंतल से ज्यादा वजन के प्याज के 10 बोरे भेजे थे। हालांकि, माल चढ़ाने-उतारने, ट्रांसपोर्टेशन, मजदूरी और बाकी के खर्चे काटने के बाद मुझे सिर्फ 2.49 रुपये मिले।
जिंदा कैसे रहे किसान
चव्हाण ने इस बाबत कहा कि व्यापारी द्वारा मुझे 100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से प्याज के दाम मिले हैं। मेरे कुल फसल का वजन 512 किलोग्राम था। इसके लिए मुजे इसके बदले 512 रुपये मिले। किसान ने आगे बताया कि प्याज को एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाने और तमाम खर्चे जोड़ने के बाद कुल 509.51 रुपये हुआ। ये सब काटने के बाद मुझे 2.49 रुपये का लाभ हुआ। यह मेरा और राज्य के बाकी प्याज किसानों की बेइज्जती है। यदि हमें ऐसे दाम मिलेंगे तो हम जिंदा कैसे रहेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को फसल का अच्छा दाम मिलना चाहिए और इससे प्रभावित हुए किसानों को सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाना चाहिए।
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