नई दिल्ली। “नौ दिन चले अढ़ाई कोस”…यह मुहाबरा तो आपने बहुत बार सुना होगा। मगर आज जो कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं, उसके बारे में सुनकर होश उड़ जाएंगे। तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को अब 9 दिन हो चले हैं। एक पल में प्रकृति के प्रकोप ने बहुत सारी जिंदगिया छीन लीं और देखते ही देखते सबकुछ तबाह हो गया। गगनचुंबी इमारतें खंडहर बन गईं। मलबे में दबकर हजारों लोग मात्र एक झटके में अपने जीवन से हाथ धो बैठे। कहते हैं कि मौत जब आती है तो वह संभलने का मौका नहीं देती। तुर्की और सीरिया भूकंप में भी कुछ ऐसा ही हुआ… लेकिन यहां की एक ऐसी घटना के बारे में आपको बताने चल रहे हैं, जहां… “नौ दिन में मौत सिर्फ अढ़ाई कोस ही चल सकी। इस दौरान जिंदगी उससे मीलों आगे निकल गई। यह देखकर हर कोई हैरान है। “आइए आपको बताते हैं कि कैसे जिंदगी मौत पर भारी पड़ गई?
तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप को आज 9 दिन हो चुके हैं। मगर प्रकृति के प्रकोप के बाद कुदरत ने हैरान कर देने वाला करिश्मा दिखाया है। राहत और बचाव दल ने 3 लोगों को 9 दिन बाद जिंदा निकाला है। यह भले ही आपको सुनने में अविश्वसनीय और अकल्पनीय लग रहा हो। मगर सच है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार तबाही के 9 दिन बाद तुर्की के कहारनमारस में 3 लोगों को मलबे से जीवित निकाला गया है। इसमें दो लोग भाई-बहन हैं। राहत और बचाव दलों के अनुसार मलबे में दबे 17 वर्षीय मो. एंस एनिनार और उसकी बहन बैकी एनिनार को सुरक्षित निकाला गया है। बचाव कर्मियों ने उन्हें निकाला तो उनको जिंदा देखकर हैरान रह गए। अचेत अवस्था में दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। साथ ही एक अन्य युवक 18 वर्षीय मौ. कैफर सैटिन को भी मलबे में जिंदा पाया गया। इसके बाद उसे भी तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
तीनों का चल रहा इलाज
9 दिन बाद जीवित निकाले गए तीनों लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस चमत्कार को देखकर हर कोई आश्चर्यचकित हो रहा है। प्रकृति का प्रकोप देखने के बाद कुदरत का यह करिश्मा अविश्वसनीय, अकल्पनीय और अविस्मरणीय घटना बन चुका है। इसी को कहते हैं कि …जाको राखे साईंया, मार सके न कोय… यानि भगवान जिसको जिंदगी देता है, उसे कोई मार नहीं सकता। करीब 200 घंटे बाद मलबे से जीवित निकाले गए इन तीनों लोगों को देखने के बाद इसे हर कोई भगवान का चमत्कार बता रहा है। क्योंकि यह सभी पहले दिन ही मलबे में दब गए थे। तब से बिना कुछ खाए पीए पड़े थे। अब तक जीवित बचे रहना वाकई अविश्वनीय घटना सी लगती है। अब तक तुर्की और सीरिया भूकंप में 34 हजार से ज्यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। भूकंप की इस त्रासदी ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है।
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