Bank locker Rules : हम अपनी वसीयत, सोना चांदी के गहनों से लेकर कई मूल्यवान वस्तुएं बैंक लॉकर में रखते हैं। बैंक के सबसे सीक्रेट और सुरक्षित स्थान पर रखे इन लॉकर (Bank Locker) पर हर आम ग्राहक का विश्वास होता है। आपकी मूल्यवान वस्तुओं की सुरक्षा वास्तव में बैंक की जिम्मेदारी होती है। लेकिन अक्सर परेशान करने वाली खबरें हमारे पास आ धमकती हैं। ऐसी ही घटना उदयपुर से सामने आई है जहां पीएनबी बैंक के लॉकर (PNB Bank Locker) में रखे 2 लाख रुपयों को दीमक चट कर गई।
ग्राहक को तब जाकर पता चला, जब उसे पैसों की जरूरत हुई। दीमक ने पूरे पैसों को पाउडर बना चुकी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि लॉकर में रखा सामान खराब हो जाए। तो नुकसान की भरपाई कौन करेगा? दीमक वाली घटना पहली या आखिरी नहीं है। इससे पहले भी बैंक लॉकर में चोरी होने या फिर बाढ़ में लॉकर रूम में पानी भर जाने या आग लगने की घटनाएं सामने आती रही हैं। ऐसे में आपके लिए भी यह जानना जरूरी है कि क्या इस संबंध में बैंक की कोई जिम्मेदारी है, क्या बैंक आपका पूरा पैसा वापस करेगा। आइए जानते हैं कि बैंक के नियम इस संबंध में क्या कहते हैं।
इसी साल बदलें हैं नियम
देश में बैंक लॉकर से जुड़े नियम बीते साल यानि 2022 तक काफी ढुलमुल थे, यहां जुर्माने के प्रावधान भी काफी लचर थे। लेकिन इसी महीने 1 फरवरी 2023 से नए लॉकर नियम (New Locker Rules) लागू कर दिए गए हैं। इस नए नियम ने ग्राहकों के अधिकारों के प्रति बैंक को कई सख्त निर्देश दिए गए हैं। रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को मौजूदा लॉकर ग्राहकों के साथ लॉकर एग्रीमेंट (Locker Agreement) को रिन्यू करने के लिए कहा था। यहां बैंकों को यह तय करना है कि उनके लॉकर एग्रीमेंट्स में ग्राहकों के हितों के खिलाफ कोई अनुचित शर्त या नियम न हो।
मुआवजा देने को बाध्य है बैंक
नए नियमों के अनुसार लॉकर में यदि बैंक की लापरवाही के चलते ग्राहक के सामान का नुकसान होता है तो उसका मुआवजा बैंक को ही देना होगा। रिजर्व बैंक के नए नियमों के अनुसार बैंकों कि यह जिम्मेदारी है कि वे लॉकर और बैंक परिसर की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएं। बैंक को आग, चोरी, डकैती या बिल्डिंग गिरने जैसी घटनाओं में उसकी लापरवाही को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
‘देसी को विदेशी पसंद है!’, भारतीयों को लगा फ्रेंच की बजाए ब्रिटिश व्हिस्की का चस्का, 60% बढ़ा आयात
बैंक की होगी जिम्मेदारी
रिजर्व बैंक के नए नियम ग्राहकों को काफी हद तक सुरक्षित बनाते हैं। आरबीआई के अनुसार, लॉकर में रखे सामान को हुए नुकसान की जिम्मेदारी बैंकों को लेनी होगी। बैंक यह कह कर पल्ला नहीं झाड़ सकते कि लॉकर में रखा सामाना ग्राहक का है और वही इसके प्रति जिम्मेदार है।
कितना पैसा मिलेगा?
यह सबसे अहम सवाल है। आप पूछ सकते हैं कि मेरा जितना पैसा लॉकर में रखा है या जितनी मूल्य के जेवरात लॉकर में रखे हैं उसकी पूरी भरपाई बैंक करेगा? जी नहीं, बैंक के नियम इस मामले में आपकी राय से अलग हैं। अगर बैंक की लापरवाही के चलते लॉकर में रखी सामग्री को नुकसान होता है, तो बैंक लॉकर के सालाना किराए के 100 गुना तक जुर्माना अदा करेगा। इसमें इससे कोई मतलब नहीं है कि आपने 50 हजार का सामान रखा था, या 50 करोड़ का।
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के सामने आई साबुन बनाने वाली ये कंपनी, यूं अटका रही थी रोड़ा
कब नहीं मिलता मुआवजा
बैंक के लॉकर में हुए नुकसान पर आपको हमेशा ही मुआवजा मिले, यह हमेशा संभव नहीं है। कुछ ऐसे मामले हैं जहां बैंक मुआवजा देने से मना भी कर सकते हैं। रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार प्राकृतिक आपदा जैसे- भूकंप, बिजली गिरने, तूफान या बाढ़ आदि के चलते लॉकर के सामान को नुकसान होता है, तो बैंक की जिम्मेदारी नहीं होगी। ग्राहक की गलती या लापरवाही के कारण अगर लॉकर के सामान को नुकसान पहुंचता है, तो भी बैंक जिम्मेदार नहीं होगा।
जानिए किन तोहफों पर लगता है कितना टैक्स