रिजर्व बैंक द्वारा बीते एक साल से रेपो दरों में वृद्धि और महंगाई के चलते अब अपना घर खरीदना आम आदमी के लिए मुश्किल हो रहा है। वहीं देश के महानगरों में अब 2 बीएचके घरों का किराया भी आम लोगों की पहुंच से बाहर हो रहा है। एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश के सात प्रमुख शहरों में 2019 के बाद से 1,000 वर्ग फुट क्षेत्र वाले फ्लैट का औसत मासिक किराया 23 प्रतिशत तक बढ़ गया है।
संपत्ति सलाहकार फर्म एनारॉक की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 और 2022 के बीच देश के प्रमुख आवास बाजारों में औसत मासिक किराया 23 प्रतिशत तक बढ़ा है। यह आकलन 1,000 वर्ग फुट क्षेत्र वाले मानक 2बीएचके इकाई के औसत किराये पर आधारित है।
किन इलाकों में कितना बढ़ा किराया
नोएडा के सेक्टर-150 में औसत किराये में सबसे अधिक 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र में किराया वर्ष 2019 में 15,500 रुपया हुआ करता था लेकिन पिछले साल यह लगभग 19,000 रुपये प्रति माह हो गया। एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “वर्ष 2022 के दौरान किराये में काफी बढ़ोतरी देखी गई। कोविड-19 महामारी के दौरान दो साल तक गिरावट रहने के बाद शीर्ष सात शहरों में किराये की मांग बढ़ी है। ज्यादातर कंपनियां हाइब्रिड मोड सहित अपने सभी कर्मचारियों को कार्यालय में वापस बुला रही हैं।”
वर्क फ्रॉम होम खत्म होने से बढ़ी मांग
इस क्षेत्र के जानकार बताते हैं कि कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम की वजह से किराये में कमी दर्ज की गई थी। लेकिन 2022 के बाद से कंपनियां हाइब्रिड मोड में कर्मचारियों को दफ्तर बुला रही हैं। ऐसे में किराये में वृद्धि जारी है। जानकारों के अनुसार किराये की मांग 2023 में भी बढ़नी जारी रहेगी। पुरी ने कहा कि जो लोग अपने गृहनगर या अन्य क्षेत्रों से शहर वापस लौट रहे हैं, वे पहले घर को किराये पर लेना पसंद कर रहे हैं। वे आगे चलकर घर खरीदने पर भी विचार कर सकते हैं।