बिहार के सियासी गलियारों में पिछले कुछ समय से उपेंद्र कुशवाहा को लेकर घमासान जारी है। इस बीच, उपेंद्र कुशवाहा की ओर से पार्टी की बैठक बुलाए जाने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सोमवार को कहा कि वह सिर्फ एमएलसी हैं, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष नहीं हैं।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “5 दिसंबर 2022 को पार्टी चुनाव के दौरान केवल एक चुनाव हुआ था और वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए था। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए कोई अन्य मतदान नहीं हुआ। उपेंद्र कुशवाहा पार्टी के केवल एमएलसी हैं और किसी पद पर नहीं हैं।”
दावे को विरोधाभासी बताया जा रहा है
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ललन सिंह ने कहा कि कोई कमेटी नहीं बनी। हालांकि, ललन सिंह के दावे को विरोधाभासी बताया जा रहा है, क्योंकि कुशवाहा ने संसदीय बोर्ड अध्यक्ष के तौर पर पार्टी के कई कार्यक्रमों में शिरकत की थी। पार्टी ने 10 और 11 दिसंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक बुलाई थी, जिसमें कुशवाहा ने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर शिरकत की थी। इसके अलावा उन्होंने नीतीश कुमार और ललन सिंह की अध्यक्षता में कई बैठकों में भाग लिया था।
उन्हें सम्मान दिया, फिर जाने क्या हुआ: CM
वहीं, उपेंद्र कुशवाहा को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “हमने उन्हें सम्मान दिया, फिर जाने क्या हुआ। हमने तीसरी बार उन्हें अपनी पार्टी में स्वीकार किया, वह जो बोलना चाहते हैं, बोल सकते हैं। अगर आप रोज बोलेंगे तो इसका मतलब है कि आपकी राय हमसे अलग है।” नीतीश ने कहा, “ऐसी बातों पर ध्यान देने की जरुरत नहीं है। हमने उन्हें इतना दिया, उन्हें विधायक और पार्टी नेता बनाया फिर वह चले गए, लेकिन फिर आए और हमने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया, वह फिर गए और तीसरी बार वापस आए और कहा कि वह पार्टी में बने रहेंगे।”
पार्टी छोड़कर जाना है, तो जाने दीजिए: CM नीतीश
नीतीश ने कहा, “दो बार पार्टी से भागने के बाद भी हमने उन्हें पार्टी में तीसरी बार शामिल किया। अगर किसी को पार्टी छोड़कर जाना है, तो जाने दीजिए। पार्टी को कुछ नहीं होगा। अगर आप रोज कुछ बोलेंगे इसका मतलब आप कहीं और विचार कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा तीसरी बार जेडीयू में आकर पार्टी कमजोर होने का बयान दे रहे हैं, जबकि पार्टी में सदस्यों की तादाद पहले से अधिक बढ़ी है।
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