aap ki adalat kiren rijiju replies on does the government want to capture the judiciary । क्या न्यायपालिका पर कब्जा करना चाहती है सरकार? ‘आप की अदालत’ में कानून मंत्री किरन रिजिजू ने दिया जवाब

'आप की अदालत' में केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू- India TV Hindi
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‘आप की अदालत’ में केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू

Aap Ki Adalat: देश के सबसे लोकप्रिय शो आप की अदालत के नए एपिसोड में इस बार केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू मेहमान बने। इस दौरान इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का जवाब दिया। रजत शर्मा ने मोदी सरकार और ज्यूडिशियरी के रिलेशनशिप के बारे में सवाल किया। इस दौरान किरन रिजिजू से सवाल किया गया कि क्या सरकार न्यायपालिका पर कब्जा करना चाहती है? भारत की ज्यूडिशियरी बहुत मजबूत है। न्यायपालिका और सरकार के बीच एक लक्ष्मण रेखा है। कानून मंत्री ने कहा कि जजों की नियुक्ति का काम बहुत संवेदनशील होता है।

“ज्यूडिशियरी के काम में हम हस्तक्षेप नहीं करते”

न्यायपालिका पर कब्जा वाले सवाल के जवाब में कानून मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि ज्यूडिशियरी के काम में हम हस्तक्षेप नहीं करते। उन्होंने कहा कि हमने ज्यूडिशियरी को नीचे दिखाने की कोई बात नहीं की। लोकतंत्र में मालिक जनता होती है। हम न्यायपालिका को कंट्रोल नहीं कर सकते। न्यायपालिका के लिए जो पीएम मोदी ने किया वो कोई और नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि ऐसा सोचना गलत होगा कि हम न्यायपालिका को कंट्रोल करना चाहते हैं। रिजिजू ने कहा कि कुछ विपक्षी सांसद कोर्ट और संसद दोनो चलाना चाहते हैं। 

“राहुल को जो चिट लिखकर दिया जाता है, वो वही बोलते हैं”
इतना ही नहीं इस सवाल को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री किरन रिजिजू ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। किरन रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी को जो चिट लिखकर दिया जाता है, वो वही बोलते हैं और अगर वो वहां से भटक जाते हैं, तो पार्टी संभालती रहती है। कानून मंत्री ने आगे कहा कि लोग क्या-क्या नाम देते हैं उनको, लेकिन हम तो सम्मान देते हैं। राहुल गांधी की बातों से देश को नुकसान होता है। 

“एक दिन में 100 से ज्यादा केस निपटा रहे जज”
इतना ही नहीं आप की आदालत में कानून मंत्री किरन रिजिजू से रजत शर्मा ने सवाल किया कि ‘तारीख पे तारीख होती है, केस लंबे समय तक पेंडिंग रहते हैं?’ इस पर कानून मंत्री ने कहा कि भारत के जजों को एक दिन में 100 से ज्यादा केस सॉल्व करने पड़ते हैं। बड़ी मुश्किल से केस के लिए डेट मिलती है। केस पेंडिंग लगातार न होते रहें, इसके लिए कई केस आपस में मिलकर भी सुलझाए जा सकते हैं, कम्प्रोमाइज किया जा सकता है। गांव स्तर के कई मामले छोटे स्तर पर भी सुलझाए जा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि न्यायालय के तालमेल से हम केस कम कर सकेंगे। लेकिन होता यही है कि जितने केस सॉल्व होते हैं उससे दोगुनी तेजी से नए केस आते हैं।

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