India Open 750: इंडिया ओपन 750 बैडमिंटन टूर्नामेंट समाप्त हो चुका है। इस टूर्नामेंट की किसी भी कैटेगरी में भारतीय खिलाड़ियों को जीत हासिल नहीं हुई है। वहीं थाईलैंड के कुनलावुत वितिदसर्ण और कोरिया की अन सियंग रविवार को इंडिया ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट के अपने वर्ग में दो बार के विश्व चैम्पियन को हराकर क्रमश: पुरुष और महिला एकल चैम्पियन बने।
एक्सेलसेन को झेलनी पड़ी हार
कुनलावुत ने पुरुष एकल फाइनल में दो बार के विश्व चैम्पियन और ओलंपिक चैम्पियन विक्टर एक्सेलसेन को जबकि युवा खिलाड़ी अन सियंग ने महिला एकल फाइनल में दो बार की विश्व चैम्पियन अकाने यामागुची को पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए मात दी। कुनलावुत ने डेनमार्क के ओलंपिक चैंपियन को 64 मिनट में 22-20, 10-21, 21-12 से शिकस्त देकर अपना पहला सुपर 750 टूर्नामेंट खिताब हासिल किया। वहीं 20 साल की अन सियंग ने यामागुची के खिलाफ लगातार हार के सिलसिले को तोड़ते हुए दुनिया की नंबर एक जापानी खिलाड़ी को 72 मिनट तक चले महिला एकल फाइनल में 15-21, 21-16, 21-12 से मात दी। इस तरह वह इंडिया ओपन जीतने वाली पहली कोरियाई खिलाड़ी भी बन गईं।
यंग ने भी किया कमाल
पिछले हफ्ते भी मलेशिया ओपन में इसी तरह के तीन गेम का फाइनल हुआ था लेकिन वह इस मुकाबले में यामागुची से हार गई थीं। वहीं पुरुष युगल का खिताब लियांग वेई केंग और वांग चांग की जोड़ी के नाम रहा। इस जोड़ी का यह दूसरा विश्व टूर खिताब रहा, उन्होंने पिछले साल जापान ओपन में यही ट्रॉफी हासिल की थी। दुनिया की 11वें नंबर की जोड़ी ने पुरुष युगल एकल फाइनल आरोन चिया और सोह वूई यिक की तीसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी को 14-21 21-19 21-18 से पराजित किया। वहीं दो युगल मैच नहीं हो सके क्योंकि बीमार होने के कारण चीन के दो खिलाड़ियों को हटना पड़ा। वांग यि लियू और चेन किंग चेन को डायरिया के कारण अपने मैचों से हटना पड़ा।
वाटानबे और अरिसा हिगाशिनो की जोड़ी हारी
इस तरह जापान की युटा वाटानबे और अरिसा हिगाशिनो की जोड़ी ने मिश्रित युगल खिताब जीत लिया। वहीं महिला युगल का खिताब भी जापान की नामी मातसुयामा और चिहारु शिदा की जोड़ी के नाम रहा। अन सियंग को 2017 में राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया था, तब वह 15 साल की थीं। वह विश्व जूनियर चैम्पियनशिप में कांस्य पदक विजेता मिश्रित टीम का हिस्सा बनीं और 2018 में उबेर कप में कोरिया को कांस्य पदक दिलाने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। उनके नाम 11 विश्व टूर खिताब हैं और एक विश्व चैम्पियनशिप का कांस्य पदक है जिससे वह कोरिया की ओलंपिक में बड़ी उम्मीद बनती जा रही हैं।