इस्लामाबाद: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष ने मंगलवार को विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के 34 सांसदों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। पीटीआई के 123 सांसदों ने पिछले साल अप्रैल में इमरान खान को विश्वास मत के माध्यम से प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के तुरंत बाद इस्तीफा देने का फैसला किया था। हालांकि, नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने जुलाई में उनमें से केवल 11 सांसदों के इस्तीफे स्वीकार किए थे और कहा था कि बाकी सांसदों को उनके फैसले के सत्यापन के लिए व्यक्तिगत रूप से बुलाया जाएगा। एक अप्रत्याशित कदम के तहत अशरफ ने 35 और सांसदों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। इनमें से 34 सांसद इमरान की पार्टी से जुड़े हुए हैं, जबकि एक अन्य सांसद (शेख राशिद अहमद) पीटीआई की सहयोगी अवामी मुस्लिम लीग का सदस्य है।
चुनाव आयोग ने वित्तीय ब्योरा जमा नहीं कराने पर 271 सांसदों, विधायकों को निलंबित किया
पाकिस्तान के शीर्ष चुनाव निकाय ने अपनी पूंजी और देनदारी का लेखा-जोखा जमा नहीं कराने पर देश भर के 271 सांसदों एवं विधायकों की सदस्यता निलंबित कर दी है। वित्तीय विवरण हर साल 31 दिसंबर तक दाखिल करते होते हैं और पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने सांसदों एवं विधायकों को 30 जून 2022 तक का अपना वित्तीय लेखा-जोखा 16 जनवरी, 2023 तक जमा कराने का निर्देश दिया था। उन्हें चेतावनी दी गई थी कि वित्तीय विवरण उपलब्ध नहीं करने वालों की सदस्यता निलंबित कर दी जाएगी।
ईसीपी ने बताया कि नेशनल असेंबली के 136 सदस्यों, 21 सीनेटर और प्रांतीय असेंबली के 114 सदस्यों को निलंबित किया गया है। पिछले साल नेशनल असेंबली के 35 सदस्यों और तीन सीनेटरों ने 16 जनवरी की समय सीमा तक वित्तीय विवरण दाखिल नहीं किया था, जबकि इस साल तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं के इस्तीफा देने के कारण यह संख्या अपेक्षाकृत बहुत अधिक रही। ईसीपी द्वारा जारी सूची के अनुसार, निलंबित सदस्यों में पंजाब प्रांतीय विधानसभा (एमपीए) का कोई सदस्य नहीं है, क्योंकि प्रांतीय विधानसभा को पहले ही भंग किया जा चुका है। नेशनल असेम्बली के सदस्यों और सीनेटरों के अलावा सिंध प्रांतीय विधानसभा के 48, खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय विधानसभा के 54 और बलूचिस्तान प्रांतीय विधानसभा के 12 सदस्यों की सदस्यता निलंबित की गई है।
इनपुट-भाषा